आज इसी लंड से मेरा खाता खुलेगा

आज इसी लंड से मेरा खाता खुलेगा

मेरा नाम धनंजय है और मैं बेंगलुरु में रहता हूँ। मैं एक मल्टीनेशनल कंपनी में नौकरी करता हूँ। अब मेरी उम्र लगभग 22 साल है और भगवान की मेहरबानी से मेरा शरीर भी अच्छा-खासा है। आज मैं आपके साथ अपनी एक सच्ची घटना शेयर करने जा रहा हूँ, जो मेरे और मेरी दूर की मौसी कोयल के बीच घटी। ये कहानी मेरे जीवन का वो पल है, जिसने मुझे एक नई दुनिया से रूबरू कराया।

बात उन दिनों की है जब मेरी छुट्टियाँ चल रही थीं। एक दिन मेरे घर मेरी मौसी आईं। उन्होंने मेरी मम्मी को नमस्ते किया और अंदर आ गईं। उस वक्त मैं कोचिंग जाने के लिए तैयार हो रहा था। मैंने उन्हें नमस्ते कहा और जल्दी से कोचिंग के लिए निकल गया। वो मेरी मम्मी के मामा की लड़की थीं, यानी मेरी दूर की मौसी। इसीलिए मैं उन्हें ज्यादा जानता नहीं था। शाम को जब मैं घर लौटा, तो मम्मी ने बताया कि मौसी ने पास में ही एक रूम किराए पर लिया है और अब वो यहीं रहेंगी। उनका नाम कोयल है।

उस वक्त तक मेरे मन में उनके लिए कोई गलत ख्याल नहीं था। ऐसे ही करीब 45 दिन बीत गए। मैंने उनसे ज्यादा बात नहीं की थी, बस कभी-कभार हल्की-फुल्की बातचीत होती थी। एक दिन शाम को मेरे मामा का फोन आया। उन्होंने बताया कि मेरी मामी की तबीयत खराब है और उन्हें भोपाल के एक हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है। मेरे पापा और मम्मी ने भोपाल जाने का फैसला किया।

चूंकि मुझे खाना बनाना नहीं आता था, मम्मी ने कोयल मौसी को मेरे साथ रहने को कह दिया। मौसी मेरे घर आ गईं और उन्होंने मेरे लिए खाना बनाया। फिर वो अपने ऑफिस चली गईं। शाम को करीब 7 बजे वो वापस आईं। उस वक्त मैं टीवी देख रहा था। उन्होंने खाना बनाया, हमने साथ में खाना खाया, और मैं फिर से टीवी देखने लगा। वो बर्तन साफ करने चली गईं। अभी तक हमारी ज्यादा बात नहीं हुई थी। रात करीब 9 बजे वो वापस आईं। मैं एक नई मूवी देख रहा था, तो वो भी मेरे साथ बैठकर मूवी देखने लगीं।

कमरे में एसी चालू था, इसलिए मैंने कंबल ओढ़ रखा था। वो भी मेरे साथ कंबल में घुसकर बैठ गईं। मूवी देखते-देखते मुझे कब नींद आ गई, पता ही नहीं चला। रात को करीब 1 बजे मेरी नींद खुली तो मैंने देखा कि मौसी मुझसे चिपकी हुई थीं। उनके बूब्स मेरी पीठ को टच कर रहे थे। मेरे शरीर में एक अजीब सी सनसनी दौड़ गई। मेरा लंड एकदम खड़ा हो गया। मैंने सोचा कि शायद एसी की ठंड की वजह से वो मुझसे चिपकी थीं। मैंने थोड़ा हिलने-डुलने की कोशिश की तो उन्होंने करवट बदल ली। लेकिन आधे घंटे बाद वो फिर से मुझसे चिपक गईं।

फिर मुझे नींद आ गई। सुबह करीब 3 बजे जब मेरी आँख खुली, तो मैंने देखा कि इस बार मैं उनसे चिपका हुआ था। मेरा लंड उनकी गांड के होल से टच हो रहा था और पूरी तरह से खड़ा था। मेरे दिल की धड़कनें तेज हो गईं। मैं डर रहा था, लेकिन साथ ही मेरे मन में एक अजीब सा जोश भी था। उस रात मैंने डर के मारे कुछ नहीं किया।

अगले दिन सुबह वो नहाकर टॉवल लपेटकर बाहर आईं। पहली बार मेरी नजर उनके फिगर पर पड़ी। उनका फिगर करीब 34-24-34 का होगा। उनकी कमर पतली थी, और उनके बूब्स टॉवल के ऊपर से उभरे हुए साफ दिख रहे थे। उनकी गांड का उभार टॉवल में इतना सेक्सी लग रहा था कि मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया। उन्होंने मेरे लिए खाना बनाया और ऑफिस चली गईं। मुझे लगा कि शायद उन्हें रात की घटना का कुछ पता नहीं था। लेकिन जब मैं बाथरूम गया, तो मैंने देखा कि वहाँ उनके झांट के बाल पड़े थे। मेरे दिमाग में शक पक्का हो गया कि शायद उन्हें रात की बात का अंदाजा था।

पूरा दिन मेरा हाल बुरा रहा। मेरा लंड बार-बार खड़ा हो रहा था। मेरे दिमाग में बस एक ही बात चल रही थी कि आज तो मौसी को चोद ही दूंगा, लेकिन कैसे? ये सोचते-सोचते शाम हो गई। मौसी वापस आ गईं। उस दिन भी मैं मूवी देख रहा था। वो मेरे साथ बैठकर मूवी देखने लगीं। मेरा लंड अभी भी खड़ा था, लेकिन डर के मारे मैंने उनसे बात तक नहीं की। रात को फिर मुझे नींद आ गई और वो मुझसे चिपकी हुई थीं।

तब मुझे पूरा यकीन हो गया कि वो जानबूझकर ऐसा कर रही थीं। मैंने थोड़ा हिलने-डुलने की कोशिश की तो उन्होंने करवट बदल ली। थोड़ी देर बाद मैंने हिम्मत जुटाई और अपना लंड उनकी गांड पर रख दिया। मैं धीरे-धीरे उनसे चिपक गया। उन्होंने कोई हलचल नहीं की। मेरी हिम्मत और बढ़ गई। मैंने अपना लंड उनकी गांड पर और जोर से दबाया। उन्होंने टी-शर्ट पहन रखी थी, जो थोड़ी ऊपर खिसक गई थी। मैंने अपना हाथ उनके पेट पर रखा तो उनके मुँह से “सीईइ” की हल्की सी आवाज निकली। मैं समझ गया कि वो जाग रही थीं।

मैंने अपना लंड थोड़ा ढीला छोड़ा तो उन्होंने अपनी गांड को और दबा दिया। अब मुझे पक्का यकीन हो गया कि वो भी यही चाहती थीं। मेरे दिल में एक अजीब सी खुशी थी। मन कर रहा था कि उन्हें अभी चूम लूँ, लेकिन मैंने थोड़ा और इंतजार किया। मैंने अपना मुँह उनकी गर्दन की तरफ ले गया और इस तरह रखा कि मेरी साँसें उनकी गर्दन को टच करती रहें। उनकी साँसें तेज होने लगीं। थोड़ी देर बाद उन्होंने अपना हाथ अपनी चूत की तरफ बढ़ाया। मैंने उनका हाथ पकड़ लिया। उन्होंने मेरी तरफ देखा। मेरे दिल की धड़कनें और तेज हो गईं। मैंने हिम्मत करके उनके लिप्स पर अपने लिप्स रख दिए।

वो पल मेरे लिए जैसे जन्नत था। मैंने धीरे से अपना एक हाथ उनकी टी-शर्ट में डाल दिया और उनके बूब्स को सहलाने लगा। उनके बूब्स इतने नरम थे कि मैं खुद को रोक नहीं पा रहा था। मैंने धीरे-धीरे उनके बूब्स को दबाना शुरू किया। उनकी सिसकारियाँ “आह्ह सीईइ” कमरे में गूंजने लगीं। उन्होंने अपना हाथ मेरे पजामे में डाल दिया और मेरे अंडरवियर के ऊपर से मेरे लंड को सहलाने लगीं। मेरे पूरे शरीर में जैसे करंट दौड़ गया।

मैंने झट से अपना लंड अंडरवियर से बाहर निकाला और उनकी टी-शर्ट उतार दी। उनके नंगे बूब्स मेरे सामने थे। मैं उनके बूब्स को चूसने लगा। उनके निपल्स को मैंने हल्का सा काटा तो वो जोर से सिसकारीं, “आह्ह्ह धनंजय, धीरे!” उनकी आवाज में एक अजीब सी मस्ती थी। मैंने उनकी पैंट खोली और उनकी अंडरवियर उतार दी। उनकी चूत पूरी तरह गीली थी और उससे एक मादक महक आ रही थी। मैंने अपना मुँह उनकी चूत पर रख दिया और चूसने लगा। उनकी चूत का स्वाद मेरे लिए नया था, लेकिन इतना मजेदार कि मैं रुक ही नहीं पा रहा था।

मैंने उनकी चूत को जीभ से चाटना शुरू किया। कभी उनकी क्लिट को हल्का सा काटता, तो कभी अपनी जीभ को उनकी चूत के अंदर तक ले जाता। वो सिसकार रही थीं, “आह्ह्ह उहह्ह धनंजय, ये क्या कर रहा है! हाय, मर गई!” करीब 10 मिनट बाद वो जोर से कांपने लगीं और झड़ गईं। मैंने उनका सारा रस पी लिया। वो नमकीन और गर्म था, लेकिन मुझे बहुत अच्छा लगा।

फिर मैंने अपना लंड उनके मुँह की तरफ बढ़ाया और कहा, “मौसी, इसे चूसो ना।”

वो मेरे लंड को देखकर मुस्कुराईं और बोलीं, “हाय राम, कितना मोटा और बड़ा लंड है! आज तो मेरा खाता इसी लंड से खुलेगा!”

उन्होंने मेरे लंड को अपने मुँह में ले लिया। उनकी गर्म जीभ मेरे लंड के सुपारे पर फिसल रही थी। वो कभी मेरे लंड को चूस रही थीं, तो कभी अपनी जीभ से उसे चाट रही थीं। मैं जैसे सातवें आसमान पर था। उनकी हर चूसने की आवाज, “स्लर्प स्लर्प,” मेरे कानों में मस्ती भर रही थी। करीब 7-8 मिनट बाद मैंने कहा, “मौसी, मेरा निकलने वाला है!” मेरे मुँह से “हह्ह्ह्ह” की आवाज निकली और मैं उनके मुँह में झड़ गया। उन्होंने मेरा सारा पानी पी लिया और मुस्कुराते हुए बोलीं, “तू तो बहुत जल्दी गर्म हो गया, धनंजय!”

मैंने फिर से उनके बूब्स को चूसना शुरू किया। उनके निपल्स को मैंने अपने दाँतों से हल्का सा दबाया। वो फिर से सिसकारने लगीं, “आह्ह्ह, धीरे कर, बदमाश!” करीब 5 मिनट बाद वो गर्म हो गईं और बोलीं, “साले, अब चोदेगा या बस चूसता रहेगा?”

मैंने कहा, “अभी चोद देता हूँ, मौसी!”

मैंने उन्हें कुत्तिया बनने को कहा। उनकी गांड का होल मेरे सामने था। मैंने अपना लंड उनकी गांड पर रखा और धीरे से अंदर धकेल दिया। वो जोर से चिल्लाईं, “अहह्ह, मार डाला रे! निकाल बाहर, बहुत दर्द हो रहा है!” मैंने थोड़ा रुककर धीरे-धीरे लंड को ऊपर-नीचे करना शुरू किया। उनकी गांड इतनी टाइट थी कि मेरा लंड जैसे जकड़ा हुआ था। धीरे-धीरे उनकी सिसकारियाँ “आह्ह उहह्ह” में बदल गईं।

मैंने उनकी कमर पकड़ ली और धीरे-धीरे अपनी रफ्तार बढ़ाई। हर धक्के के साथ उनकी गांड हिल रही थी, और “थप थप” की आवाज कमरे में गूंज रही थी। वो बोलीं, “हाय, धनंजय, तेरा लंड तो मेरी गांड को फाड़ देगा!” मैंने उनकी बात को अनसुना करते हुए और जोर से धक्के मारने शुरू किए। करीब 10 मिनट बाद मैंने अपना लंड बाहर निकाला और उनकी चूत पर रख दिया। उनकी चूत पूरी तरह गीली थी। मैंने एक ही झटके में अपना लंड उनकी चूत में डाल दिया।

वो फिर से चिल्लाईं, “आह्ह्ह, धीरे कर, साले! मेरी चूत फट जाएगी!” मैंने उनकी कमर को और जोर से पकड़ा और धक्के मारने शुरू किए। हर धक्के के साथ उनकी चूत से “पच पच” की आवाज आ रही थी। वो सिसकार रही थीं, “आह्ह्ह उहह्ह, चोद मुझे, और जोर से!” मैंने अपनी रफ्तार और बढ़ा दी। उनकी चूत इतनी गर्म और गीली थी कि मेरा लंड जैसे उसमें डूब रहा था।

मैंने उन्हें पलट दिया और मिशनरी पोजीशन में चोदना शुरू किया। उनके बूब्स हर धक्के के साथ उछल रहे थे। मैंने उनके एक निपल को मुँह में लिया और चूसने लगा। वो मेरे बालों को पकड़कर बोलीं, “हाय, धनंजय, तू तो जवान मर्द बन गया है! चोद मुझे, और जोर से!” मैंने अपनी पूरी ताकत लगा दी। कमरे में “थप थप” और उनकी सिसकारियों की आवाजें गूंज रही थीं।

करीब 15 मिनट बाद वो फिर से झड़ गईं। उनकी चूत का रस मेरे लंड पर बह रहा था। मैंने और जोर से धक्के मारने शुरू किए। वो चिल्ला रही थीं, “आह्ह्ह, बस कर, मैं मर गई!” लेकिन उनकी आवाज में मस्ती साफ झलक रही थी। मैंने कहा, “मौसी, अभी तो शुरूआत है!”

मैंने उन्हें फिर से कुत्तिया बनाया और उनकी चूत में लंड डालकर चोदना शुरू किया। इस बार मैंने उनकी गांड पर हल्का सा थप्पड़ मारा। वो सिसकारीं, “आह्ह, बदमाश, ये क्या कर रहा है!” मैंने उनकी गांड को और जोर से थप्पड़ मारा और चोदता रहा। उनकी चूत से रस टपक रहा था, और मेरे लंड पर उनकी गर्माहट मुझे पागल कर रही थी।

करीब 20 मिनट बाद मैंने कहा, “मौसी, मेरा निकलने वाला है!” वो बोलीं, “अंदर मत झड़ना, साले!” मैंने अपना लंड बाहर निकाला और उनके बूब्स पर झड़ गया। मेरा गर्म माल उनके बूब्स पर गिरा, और वो हँसते हुए बोलीं, “हाय, तू तो पूरा मर्द बन गया!”

उस रात मैंने उन्हें 3 बार चोदा। हर बार अलग-अलग पोजीशन में। कभी मैंने उन्हें गोद में उठाकर चोदा, तो कभी दीवार के सहारे। उनकी सिसकारियाँ और गंदी बातें मुझे और जोश दिला रही थीं। अगले तीन दिन तक मैंने उन्हें रोज चोदा। हर रात हम नए-नए तरीकों से एक-दूसरे को मजा देते।

फिर मेरे मम्मी-पापा वापस आ गए। अब उनकी शादी हो चुकी है। शादी के बाद मैंने उन्हें सिर्फ 2 बार चोदा। हर बार वो उतनी ही गर्म थीं, और हमारी चुदाई में वही जोश था।

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