Chut chatne ki kahani

Chut chatne ki kahani

मेरा नाम कुनाल है, और मेरी उम्र 24 साल है। दोस्तों, मुझे सेक्सी कहानियाँ पढ़ना बहुत पसंद है। मैं हमेशा से ही इन कहानियों का बड़ा फैन रहा हूँ। इन्हें पढ़कर मैंने सोचा कि क्यों न अपनी भी एक कहानी आप सबके सामने लाऊँ। ये मेरी पहली कहानी है, और ये उस वक्त की बात है जब मैं नया-नया जवान हुआ था, मतलब 21 साल का था। उस टाइम मेरी दुनिया सिर्फ चूत के इर्द-गिर्द ही घूमती थी, पर कोई गर्लफ्रेंड न होने की वजह से मैं बस मुठ मारकर ही काम चलाता था। ब्लू फिल्म्स देखता, सेक्सी किताबें पढ़ता, और अपना लंड हिलाकर दिल को तसल्ली देता।

कुछ दिन बाद हमारे पड़ोस में एक नया परिवार आया – अंकल, आंटी और उनकी एक लड़की, जिसका नाम मयूरी था। मयूरी एकदम सुंदर थी, उसकी वो मासूम-सी शक्ल और छोटे-छोटे उभरते हुए बूब्स मुझे हमेशा अपनी तरफ खींचते थे। मैं उसके बारे में सोच-सोचकर पागल हो जाता था, और उसकी चूत के खयालों में डूब जाता। थोड़ी-सी दोस्ती होने के बाद हम दोनों काफी करीब आ गए, पर मेरा दिमाग तो बस उसकी चूत और उसके नंगे जिस्म के बारे में ही सोचता रहता।

एक दिन दोपहर को मैं उसके घर गया। घर पर वो अकेली थी। मेरा दिल ज़ोर-ज़ोर से धड़क रहा था, और मुझे लगा कि ये एकदम परफेक्ट मौका है कुछ करने का। मैं उसके पास गया और थोड़ी-सी शरारत के मूड में पूछा, “मयूरी, तू लड़के और लड़की में फर्क बता सकती है?” वो शरमा गई, उसका चेहरा लाल हो गया, और वो कुछ बोली नहीं। मैंने मौके का फायदा उठाया और कहा, “चल, हम दोनों अपने कपड़े उतारते हैं और फर्क देखते हैं।” मेरी बात सुनकर वो थोड़ा हिचकिचाई, पर फिर झट से तैयार हो गई।

हम दोनों कमरे में एकदम नंगे हो गए। उसके छोटे-छोटे बूब्स देखकर मेरा लंड तनकर खड़ा हो गया। वो मेरे लंड को एकटक देख रही थी, उसकी आँखों में एक अजीब-सी चमक थी। मैं उसके पास गया और बोला, “देख, लड़कों का लंड होता है, और लड़कियों के पास एक छेद, जिसे चूत कहते हैं।” फिर मैंने अपना लंड उसके हाथ में दे दिया और उसे ऊपर-नीचे करने को कहा। वो थोड़ा झिझकी, पर फिर धीरे-धीरे मेरे लंड को सहलाने लगी। उसका नरम हाथ मेरे लंड पर ऐसा लग रहा था जैसे मैं जन्नत में पहुँच गया हूँ। कुछ ही देर में मैं झड़ गया, और मेरा वीर्य उसके हाथ पर गिर गया। मैंने उसे चाटने को कहा, और वो शरमाते हुए मेरे वीर्य को चाट गई।

मैं उसे चोदने की सोच ही रहा था कि तभी आंटी न जाने कहाँ से आ धमकी। हमें नंगा देखकर वो गुस्से से आग-बबूला हो गईं। उन्होंने हमें दो-दो थप्पड़ जड़ दिए और मयूरी को एक कमरे में बंद कर दिया। मुझे वो अपने बेडरूम में ले गईं। मैं अभी भी नंगा था और डर से काँप रहा था। आंटी बेड पर बैठ गईं और मुझे उनके सामने खड़ा रहने को कहा। फिर वो बोलीं, “मैं ये सब तेरी मम्मी को बताऊँगी।”

ये सुनकर मैं ज़ोर-ज़ोर से रोने लगा और उनके सामने गिड़गिड़ाने लगा। मुझे ऐसी हालत में देखकर आंटी को जैसे मज़ा आ रहा था। वो मेरे पास आईं और बोलीं, “ठीक है, एक शर्त पर मैं तेरी मम्मी को कुछ नहीं बताऊँगी। तू मेरी हर बात मानेगा।” मेरे पास कोई और रास्ता नहीं था, तो मैं तैयार हो गया।

आंटी ने अपनी सलवार और पैंटी उतार दी। मेरे सामने उनकी चिकनी चूत थी, जिस पर एक भी बाल नहीं था। वो इतनी कामुक लग रही थी कि मेरा लंड फिर से तन गया। मैं सोच में पड़ गया कि अब मेरे साथ क्या होने वाला है? आंटी ने अपने दोनों पैर फैलाकर बेड पर लेट गईं और मुझे अपने पास बुलाया। वो बोलीं, “क्या खड़ा-खड़ा देख रहा है, चल शुरू हो जा।”

मैं उनकी चूत को देखकर पागल हो रहा था, पर डर भी रहा था। मैंने ब्लू फिल्म्स में देखा था कि चूत कैसे चाटते हैं। मैंने धीरे से अपना मुँह उनकी चूत की तरफ बढ़ाया, पर मुझे एक अजीब-सी बदबू आई और मैं पीछे हट गया। आंटी ने गुस्से से मुझे देखा और बोलीं, “तूने वादा किया था कि मेरी हर बात मानेगा। अगर तूने वादा तोड़ा, तो मैं भी तेरी मम्मी को सब बता दूँगी।”

मैं डर गया और उनकी चूत चाटने लगा। पहले तो मुझे अजीब लगा, पर थोड़ी देर बाद उसका नमकीन-सा स्वाद मुझे अच्छा लगने लगा। मैंने उनकी चूत को जीभ से चाटना शुरू किया, कभी धीरे-धीरे, कभी ज़ोर-ज़ोर से। आंटी की सिसकारियाँ निकलने लगीं, “आह्ह… कुनाल… और चाट… हाँ, ऐसे ही…” मैंने उनकी चूत को चाट-चाटकर सुखा दिया। करीब 15 मिनट तक मैं उनकी चूत चाटता रहा। तभी अचानक उनकी चूत से ढेर सारा पानी निकला। आंटी ने कहा, “इसे भी चाट दे, सारा साफ कर दे।” मैंने उनकी चूत को चाटकर एकदम चमका दिया। आंटी बहुत खुश लग रही थीं।

फिर आंटी ने मुझे बेड पर बैठाया और मेरे लंड को सहलाने लगीं। उन्होंने अपने सारे कपड़े उतार दिए। उनके बड़े-बड़े बूब्स और गोल-मटोल गांड देखकर मेरा लंड और सख्त हो गया। वो मेरे लंड की खाल को नीचे करने लगीं, जिससे मुझे दर्द हुआ। मैं चिल्लाया, तो वो हँसकर बोलीं, “अरे, तेरी तो सील भी नहीं टूटी! आज मैं तुझे पूरा मज़ा दूँगी।”

आंटी नीचे लेट गईं, और मैं उनके ऊपर चढ़ गया। मैंने अपना लंड उनकी चूत में डालने की कोशिश की, पर पहली बार में बहुत दर्द हुआ। आंटी ने कहा, “पहले धीरे-धीरे कर, फिर ज़ोर से।” मैंने धीरे-धीरे धक्के मारने शुरू किए। उनकी चूत इतनी गीली और गरम थी कि मुझे जन्नत का मज़ा आ रहा था। “आह्ह… आंटी… कितना मज़ा आ रहा है…” मैंने कहा। वो बोलीं, “हाँ, चोद मुझे… और ज़ोर से… तेरा लंड कितना मस्त है!”

कुछ देर बाद मैं झड़ने वाला था। आंटी ने कहा, “अंदर मत छोड़ना, बाहर निकाल!” पर मैं कंट्रोल नहीं कर पाया और उनकी चूत के अंदर ही झड़ गया। आंटी गुस्सा हो गईं और मुझे दो थप्पड़ मार दिए। “ये क्या किया तूने?” वो चिल्लाईं।

मुझे भी गुस्सा आ गया। मैंने उनके बूब्स को ज़ोर-ज़ोर से दबाना शुरू किया और उनके होंठों को चूमने लगा। आंटी भी गर्म हो गईं और मुझे किस करने लगीं। मैंने फिर से उनकी चूत में लंड डाला और इस बार और ज़ोर-ज़ोर से चोदा। “आह्ह… कुनाल… और तेज़… फाड़ दे मेरी चूत!” आंटी सिसकार रही थीं। इस बार मैं फिर अंदर ही झड़ गया, पर आंटी इस बार गुस्सा नहीं हुईं। वो मुस्कुराईं और बोलीं, “तू तो बड़ा तेज़ निकला!”

दोस्तों, मुझे नहीं पता कि इसे सजा कहूँ या मज़ा, पर जो भी था, वो गजब का था। मेरी पहली चुदाई में मुझे मयूरी की छोटी चूत की जगह आंटी की अनुभवी चूत मिली। इसके बाद मैंने और आंटी ने कई बार चुदाई की। आज भी, 15 साल बाद, मैं कभी-कभी आंटी को चोदता हूँ, पर अब उनकी चूत ढीली हो गई है, तो पहले जैसा मज़ा नहीं आता।

क्या आपको मेरी ये कहानी पसंद आई? आपने भी ऐसी कोई सजा या मज़े की चुदाई का अनुभव किया है? नीचे कमेंट में अपनी राय ज़रूर बताएँ!

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