कल मेरी पार्टी थी, सोमित के घर पे। कोई बड़ी वाली पार्टी नहीं थी, बस मैं और सोमित, उसकी बीवी नीतू के साथ। सोमित का प्रमोशन हुआ था, इसीलिए उसने मुझे शाम को खाने और दारू के लिए बुलाया। मैं शाम करीब छह बजे उसके घर पहुंच गया। जाते ही बेल बजाई, तो नीतू भाभी दरवाजा खोलने आई। अरे यार, क्या हॉट लेडी है! मैं भाभी बोलता हूं, पर वो मुझसे सिर्फ दो साल छोटी है। एकदम बम लग रही थी—लाल रंग का सूट पहना था, और ऊपर से दुपट्टा भी नहीं लिया। उसकी छाती के दोनों बड़े-बड़े बूब्स, टाइट और थोड़ा सा उभरे हुए, मेरी आंखों के सामने झूम रहे थे। मेरा लंड तो बस देखते ही खड़ा हो गया। दिल में एक ही ख्याल आया—बस आज इसे चोदने का मौका मिल जाए, तो जिंदगी बन जाए।
मैं अंदर गया, तो सोमित सोफे पे बैठा था। उसने मुझे देखा और बोला, “आ जा सत्यम, बैठ! आज बड़िया पार्टी होगी!” नीतू भाभी किचन की तरफ चली गई, पर जाते-जाते एक तिरछी नजर से मुझे देखा। उसकी आंखों में एक अलग सी चमक थी, जैसे वो मुझे बुला रही हो। मैं समझ गया कि आज भाभी का मूड कुछ अलग ही है। सोमित बाथरूम गया, तो नीतू भाभी वापस आई और एक नॉटी सी स्माइल के साथ बोली, “क्या बात है सत्यम, आज तो बड़े घूर-घूर के देख रहे हो!” मैंने भी थोड़ी हिम्मत करके बोला, “अरे भाभी, आज आप भी तो इतनी हॉट लग रही हो कि नजर ही नहीं हट रही!” वो हंसके चली गई, पर उसकी वो तिरछी नजर मेरे दिल में घुस गई। मन में एक ही बात चल रही थी—ये भाभी आज चुदाई के मूड में है।
तभी सोमित वापस आया, और नीतू भाभी किचन में चली गई। पर वहां से भी वो मुझे चुपके-चुपके देखती रही। मैं समझ गया कि आज कुछ तो होने वाला है। सोमित फ्रिज से आइस क्यूब्स लाया और बोला, “नीतू, दो ग्लास दे दो!” फिर वो बेडरूम से एक बोतल व्हिस्की ले आया। नीतू भाभी दो ग्लास लेकर आई और टेबल पे रखे। जब वो झुकी, तो उसके सूट के गले से उसकी आधी छाती दिख रही थी। मैं तो बस उसके बूब्स ही देखता रह गया। वो एक छोटी सी स्माइल देके चली गई। दिल में आग सी लग गई—ऐसा लग रहा था जैसे वो मुझे जान बूझ के तड़पा रही है।
सोमित ने पेग बनाए, पहले दो ही बनाए, फिर नीतू की तरफ देखा और बोला, “क्यों जानमन, थोड़ी सी चलेगी?” नीतू ने शरमाते हुए बोला, “नहीं नहीं, अगर बीयर होती तो थोड़ी सी पी लेती, पर ये नहीं!” सोमित ने सॉरी बोलते हुए कहा, “अरे यार, मुझे याद ही नहीं रहा, वरना बीयर ले आता। चल, थोड़ी सी व्हिस्की ही ले ले, सोडा ज्यादा डाल दूंगा।” नीतू ने थोड़ी सी हिचकिचाहट के बाद हां कर दी। एक और ग्लास लाई और टेबल पे रखा। सोमित ने उसके लिए लाइट पेग बनाया, क्योंकि उसे पता था वो ज्यादा नहीं पीती। फिर हम तीनों बैठ के पीने लगे। खाने में बाजार से लाया हुआ चिकन तंदूरी, चिकन लॉलीपॉप, नमकीन और पनीर भुना हुआ था। हम तीनों खाते-पीते बातें करने लगे।
धीरे-धीरे नशा चढ़ने लगा। सोमित पेग पे पेग ले रहा था, मैं और नीतू थोड़ा लाइटली पी रहे थे। सोमित खुशी में झूम रहा था, बोल रहा था, “यार सत्यम, आज मैं बहुत खुश हूं! मेरी सैलरी डबल हो गई है, अब जिंदगी किंग साइज जियेंगे!” फिर एक और पेग गटक गया। उसकी आवाज लड़खड़ाने लगी, और मुझे भी थोड़ा नशा चढ़ गया था। नीतू भाभी भी थोड़ी नशीली हो रही थी, उसकी आंखें लाल हो गई थी, और वो मुझे बार-बार देखे जा रही थी।
तभी सोमित ने एक अजीब सी बात बोली, “सत्यम, तू भी शादी कर ले यार! मेरी तरह तेरी भी जिंदगी नर्क बन जाए!” मैं हैरान होके बोला, “अरे, ये क्या पागलपन बोल रहा है भाभी के सामने?” सोमित ने शराब के नशे में खुल के बोलना शुरू किया, “सही बोल रहा हूं यार! मेरे पास सब कुछ है, मैंने नीतू के लिए कोई कमी नहीं छोड़ी, पर ये शराब की वजह से मैं एक खुशी नहीं दे पा रहा उसको।” नीतू भाभी मेरी तरफ देखते हुए शरमा रही थी, पर उसकी आंखों में एक अलग सी प्यास थी।
सोमित ने आगे बोला, “यार, मैं नीतू को सेक्स में सैटिस्फाई नहीं कर सकता। मेरा जल्दी निकल जाता है, और वो तब तक गरम भी नहीं होती।” मैं तो शॉक्ड, कि ये क्या बोल रहा है अपनी बीवी के बारे में! सोमित रुका नहीं, बोला, “मैंने तो नीतू से कहा, तू मेरे दोस्त सत्यम से चुदवा ले! इसमें क्या बड़ी बात है? तू मुझसे प्यार तो करती ही है।” मैं नीतू भाभी की तरफ देखा, वो नशीली आंखों से मुझे देख रही थी, उसके होंठों पे एक हल्की सी स्माइल थी। दिल में तूफान उठ रहा था—क्या ये सच में हो रहा है?
सोमित ने नीतू का हाथ पकड़ा और मेरे हाथ में देते हुए बोला, “ले, मैं तुझे अपनी बीवी का हाथ देता हूं। तुम दोनों आज मजे करो, मैं अब और नहीं बैठ सकता, सोने जा रहा हूं।” वो लड़खड़ाते हुए दूसरे कमरे में चला गया। मैं और नीतू अकेले रह गए। एक पल के लिए दोनों चुप थे, पर उसकी सांसें तेज चल रही थी। फिर अचानक उसने अपने होंठ मेरे होंठों पे रख दिए। मैं भी खुद को रोक न सका, उसके होंठ चूसने लगा। उसका मुंह गर्म था, उसकी सांस में शराब की खुशबू थी, और मेरा दिल जोर-जोर से धड़क रहा था।
हम दोनों एक दूसरे के करीब आए, मैं उसके बूब्स को धीरे से दबाने लगा। वो सिसकारी भर के बोली, “सत्यम, कितने दिन से मैं इस पल का इंतजार कर रही थी।” मैं उसकी गर्दन पे किस करते हुए बोला, “भाभी, आज मैं तुझे वो सुख दूंगा जो तू डिजर्व करती है।” वो शरमाते हुए बोली, “अरे, भाभी मत बोल, आज से मैं तेरी नीतू हूं।” उसका ये बोलना मुझे और एक्साइट कर गया।
मैं उठा और नीतू को अपनी बाहों में उठा लिया। उसके बदन का वजन, उसकी गर्माहट, सब कुछ मुझे पागल कर रहा था। मैं उसे बेडरूम में ले गया, दरवाजा बंद किया, और उसे बेड पे लिटा दिया। वो शरमा रही थी, पर उसकी आंखें मुझसे चुदाई मांग रही थी। मैं उसके ऊपर चढ़ गया, उसके हाथों को अपने हाथों से पकड़ा, और उसके होंठ चूसने लगा। वो भी पूरे जोश से मेरा साथ दे रही थी, उसकी जीभ मेरी जीभ से खेल रही थी।
धीरे-धीरे मैंने उसका सूट उतारना शुरू किया। जब उसका टॉप उतरा, तो उसकी ब्लैक ब्रा में उसके बड़े-बड़े बूब्स एकदम टाइट दिख रहे थे। मैंने ब्रा के ऊपर से ही उनको दबाया, तो वो सिसकारी भर के बोली, “अरे सत्यम, जोर से दबाओ ना, कितना तड़पा रहे हो!” मैंने ब्रा उतार दी, और उसके निप्पल्स को मुंह में ले लिया। वो एकदम सिहर उठी, उसके मुंह से “आह… उफ… सत्यम!” निकल रहा था। मैं एक हाथ से उसका दूसरा बूब दबाता रहा, और दूसरे को चूसता रहा।
फिर मैंने उसकी सलवार का नाड़ा खोला, और उसकी पैंटी के साथ नीचे खींच दी। उसकी चूत एकदम क्लीन शेव्ड थी, और थोड़ी सी गीली हो चुकी थी। मैंने उसकी चूत पे हाथ फेरा, तो वो मचल उठी और बोली, “सत्यम, अब और मत तड़पाओ, कुछ करो ना!” मैं नीचे झुका और उसकी चूत को चाटना शुरू किया। उसका स्वाद, उसकी खुशबू, सब कुछ मुझे पागल कर रहा था। वो अपनी कमर उठा-उठा के सिसकारीयां भर रही थी, “आह… उफ… सत्यम, कितना मजा आ रहा है!”
मैंने अपनी पैंट उतार दी थी, और मेरा लंड एकदम तन के खड़ा था। नीतू ने मेरा लंड देखा और शरमाते हुए बोली, “अरे, ये तो सोमित से भी बड़ा है!” उसने मेरा लंड हाथ में लिया और धीरे-धीरे सहलाने लगी। फिर वो नीचे झुकी और उसको मुंह में ले लिया। उसका गर्म मुंह मेरे लंड पे लगते ही मैं तो जन्नत में पहुंच गया। वो अपनी जीभ से मेरे लंड के टॉप पे चक्कर लगाती रही, और मैं उसके बाल पकड़ के उसका मुंह अपने लंड पे दबाने लगा।
कुछ देर तक हम 69 पोजीशन में एक दूसरे को चूसते रहे। मैं उसकी चूत और गांड के छेद को भी चाट रहा था, और वो मेरे लंड और बॉल्स को मुंह में ले रही थी। दोनों के मुंह से सिसकारीयां निकल रही थी, और नशा हम दोनों पे पूरा चढ़ा हुआ था। तभी नीतू बोली, “सत्यम, अब बस करो! मेरी चूत अब नहीं रुक रही, तेरा लंड चाहिए इसमें अब!” उसकी ये बात सुनके मेरा जोश और बढ़ गया।
मैंने उसके दोनों पैर फैलाए, और अपना लंड उसकी चूत पे रखा। उसकी चूत इतनी गीली थी कि लंड आसानी से घुस गया। जब पूरा लंड अंदर गया, तो नीतू के मुंह से एक लंबी सिसकारी निकली, “आह… सत्यम! हां, ऐसे ही… इसे बड़ा लंड चाहिए था मुझे!” मैं धीरे-धीरे धक्के लगाने लगा, और वो नीचे से अपनी कमर हिला के मेरा साथ दे रही थी। उसकी सिसकारीयां बढ़ती गई, “आह… उफ… चोदो मुझे… और जोर से!”
कुछ देर बाद मैंने उसे डॉगी स्टाइल में किया। वो अपनी गांड उठा के बेड पे झुक गई, और मैंने पीछे से उसकी चूत में लंड डाला। इस पोजीशन में लंड और अंदर तक जा रहा था, और नीतू के मुंह से जोर-जोर से सिसकारीयां निकल रही थी, “हां सत्यम… चोदो मुझे… मेरी चूत फाड़ दो!” मैं उसकी गांड पे थप्पड़ मारते हुए जोर-जोर से चोदने लगा। उसका बदन पसीने से भीगा हुआ था, और हमारे जिस्म एक दूसरे से टकरा रहे थे।
फिर मैं नीचे लेट गया, और नीतू मेरे ऊपर चढ़ गई। वो अपनी कमर हिला-हिला के मेरे लंड पे उछल रही थी, और उसके बूब्स मेरे सामने हवा में नाच रहे थे। मैंने उसके बूब्स पकड़े और दबाते हुए बोला, “नीतू, तू कितनी सेक्सी है यार!” वो हंसके बोली, “सत्यम, आज तूने मेरी सारी प्यास बुझा दी!” हम दोनों ने पोजीशन बदली—कभी मैं ऊपर, कभी वो ऊपर, कभी खड़े होके, कभी बैठ के। रात भर चुदाई का सिलसिला चलता रहा। मैं पांच बार झड़ा, और हर बार नीतू की चूत में अपना माल छोड़ा। वो भी हर बार झड़ के पूरी तरह सैटिस्फाई हो गई थी।
सुबह पांच बजे नीतू ने मुझे उठाया और बोली, “सत्यम, अब तुम जाओ। मैं नहीं चाहती कि सोमित उठे और उसे बुरा लगे। मैं अपने पति से प्यार करती हूं, पर वो मुझे ये सुख नहीं दे पाते। उन्होंने मुझे ये मौका दिया, और तूने इसका पूरा मजा दिलाया।” मैं समझ गया कि नीतू एक चुदक्कड़ भी है और अपने पति के प्रति वफादार भी। मैं अपने घर वापस आ गया, पर दिल में नीतू के साथ गुजारी रात की यादें अभी भी ताजा हैं।
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